कैंसर वैक्सीन Enteromix: क्या सचमुच आ गई है कैंसर मिटाने वाली दवा?

आजकल सोशल मीडिया और न्यूज़ चैनलों पर एक खबर तेजी से वायरल हो रही है – “कैंसर मिटाने वाली वैक्सीन आ गई”। Zee News समेत कई मीडिया प्लेटफॉर्म्स ने रूस में बनी नई वैक्सीन Enteromix को लेकर यह दावा किया है कि यह कैंसर को खत्म करने वाली पहली वैक्सीन होगी। लेकिन क्या यह वाकई सच है? आइए विस्तार से समझते हैं।

सबसे पहले बात करते हैं इस वैक्सीन की। रूस के N.N. Blokhin Cancer Research Center और Engelhardt Institute of Molecular Biology के वैज्ञानिकों ने एक mRNA आधारित कैंसर वैक्सीन विकसित की है, जिसका नाम Enteromix रखा गया है।

  • यह वैक्सीन खासतौर पर कोलोरेक्टल कैंसर (आंत से जुड़ा कैंसर) को निशाना बनाने के लिए तैयार की गई है।
  • शुरुआती क्लिनिकल ट्रायल्स में दावा किया गया कि यह वैक्सीन 100% प्रभावी और सुरक्षित है।

👉 mRNA तकनीक क्या है?
mRNA तकनीक वही है जिसका इस्तेमाल COVID-19 की वैक्सीन (Pfizer और Moderna) में किया गया था। इसमें शरीर को यह सिखाया जाता है कि वह खुद कैंसर कोशिकाओं को पहचानकर उनसे लड़ सके।

रूस में विकसित की गई एक नया कैंसर वैक्सीन “Enteromix” (या EnteroMix) का दावा है कि यह प्रारंभिक (preclinical) या क्लिनिकल ट्रायल्स में 100% प्रभावी और सुरक्षित साबित हुआ है—खासकर कोलोरेक्टल कैंसर के खिलाफ। The Economic TimesThe Times of India

यह वैक्सीन mRNA तकनीक पर आधारित है और अचानक सुधार दिखा रही है (Tumor-fighting abilities)। The Economic TimesThe WeekThe Times of India

लेकिन इस समाचार के पीछे वैज्ञानिक जगत में सावधानी और आलोचना भी दिखाई दे रही है—विशेष रूप से small sample size और पारदर्शिता की कमी को लेकर। India Today

वैक्सीन शरीर की इम्यून सिस्टम (प्रतिरोधक क्षमता) को सक्रिय करती है।

  • जब वैक्सीन दी जाती है तो यह हमारे शरीर को कैंसर कोशिकाओं की पहचान करना सिखाती है।
  • उसके बाद हमारी अपनी इम्यून कोशिकाएँ (T-Cells) उन कैंसर सेल्स पर हमला करके उन्हें नष्ट करने लगती हैं।
  • इसे ऐसे समझिए जैसे किसी दुश्मन की तस्वीर देखकर सेना उसे आसानी से पहचान ले और खत्म कर दे।

वैज्ञानिक दुनिया में 100% परिणाम सुनना बहुत ही असामान्य है।

  • अभी तक यह सिर्फ छोटे पैमाने पर किए गए ट्रायल्स में कारगर साबित हुई है।
  • Phase 1 trial आमतौर पर यह देखने के लिए होता है कि वैक्सीन सुरक्षित है या नहीं।
  • असली नतीजे तब सामने आते हैं जब इसे हजारों मरीज़ों पर लंबे समय तक आज़माया जाता है।

👉 उदाहरण:
COVID-19 वैक्सीन भी शुरू में 90% से अधिक असरदार बताई गई थी, लेकिन बाद में जब लाखों लोगों को दी गई, तो अलग-अलग देशों और जनसंख्या में इसके परिणाम अलग निकले।

Enteromix पहली कोशिश नहीं है।

  • Provenge Vaccine (2010) – इसे अमेरिका की FDA ने Prostate Cancer के लिए मंजूरी दी थी।
  • HPV Vaccine – यह सर्वाइकल कैंसर को रोकने में बेहद कारगर है, लेकिन यह प्रिवेंटिव वैक्सीन है, इलाज वाली नहीं।
  • Melanoma Vaccine (Moderna + Merck) – हाल ही में Melanoma Skin Cancer के मरीजों पर किए गए ट्रायल्स में इसने अच्छे नतीजे दिखाए।

ये भी पढ़ेलोगों से कैसे बात करें?

अब सवाल आता है कि इसका आप पर या आपके परिवार पर क्या असर होगा। सच यह है कि अभी यह वैक्सीन सभी के लिए उपलब्ध नहीं है। यह सिर्फ ट्रायल्स में है और इसे सफल मानने के लिए और डेटा चाहिए। Enteromix एक उम्मीद की किरण है, खासकर उन मरीजों के लिए जिनका कैंसर बार-बार लौट आता है। लेकिन:

  1. यह वैक्सीन अभी शुरुआती चरण में है।
  2. लंबे समय तक रिसर्च और ट्रायल्स बाकी हैं।
  3. फिलहाल इसे “कैंसर का पक्का इलाज” मानना जल्दबाजी होगी।

👉 जैसे ही यह बड़े पैमाने पर सफल होती है और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) व अन्य नियामक संस्थाएं इसे मंजूरी देती हैं, तब इसे कैंसर के खिलाफ असली हथियार कहा जा सकेगा।

Enteromix वैक्सीन with people

आर्थिक और समय की सीमाओं को पार करते हुए, अन्य वैक्सीन जैसे Personalized mRNA vaccines (जैसे Gamaleya Center द्वारा melanoma पर आधारित वैक्सीन) पर human trials भी शुरू हो रहे हैं। The Economic Times

प्रतिष्ठित संस्थान जैसे Dana-Farber Cancer Institute ने NeoVax^MI वैक्सीन के Phase 1 ट्रायल में मजबूत immune responses देखे हैं। Dana-Farber Cancer Institute

अन्य सफल उदाहरणों में, melanoma के लिए Moderna + Merck की वैक्सीन ने मौत या पुनरावृत्ति दर को आधे से कम कर दिया। The Guardian

Provenge (Dendreon द्वारा विकसित) प्रोटोस्टेट कैंसर के इलाज के लिए पहला therapeutic cancer vaccine था जिसे FDA ने मंजूरी दी है। Cancer Research Institute

संक्षेप में कहा जाए तो, Enteromix वैक्सीन कैंसर रिसर्च की दुनिया में एक उम्मीद की किरण है। हालांकि इसके नतीजों को लेकर फिलहाल सावधानी बरतनी होगी। क्योंकि विज्ञान में किसी भी नई खोज को प्रमाणित होने में समय लगता है।

👉 इसलिए, अभी इसे “कैंसर मिटाने वाली वैक्सीन” मान लेना सही नहीं होगा। लेकिन, इसमें कोई शक नहीं कि यह आने वाले समय में कैंसर के खिलाफ लड़ाई का एक बड़ा हथियार बन सकता है।

यह लेख केवल शैक्षिक उद्देश्य के लिए है। इसमें दी गई जानकारी किसी भी प्रकार की मेडिकल सलाह नहीं है। किसी भी स्वास्थ्य समस्या या इलाज के लिए हमेशा डॉक्टर से परामर्श लें।

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