
👉 कभी सोचा है कि हमारे खून में भी कैंसर हो सकता है?
हाँ, बिल्कुल! इसे ही ब्लड कैंसर कहते हैं। अब आइए, इसे ऐसे समझते हैं जैसे हम आपस में दोस्ती भरी बातचीत कर रहे हों।
🩸 ब्लड कैंसर असल में है क्या?
हमारे खून को अगर ध्यान से देखें, तो ये सिर्फ लाल पानी नहीं है। इसमें लाखों-करोड़ों कोशिकाएँ तैर रही होती हैं।
इनमें तीन मुख्य प्रकार होते हैं –
- Red Blood Cells (RBCs) – ये कोशिकाएँ हमारे शरीर में ऑक्सीजन पहुँचाती हैं। इनके बिना शरीर की कोशिकाएँ जिंदा नहीं रह सकतीं।
- White Blood Cells (WBCs) – ये हमारी “Bodyguards” हैं। जब भी कोई बैक्टीरिया, वायरस या इंफेक्शन शरीर में घुसता है, ये उससे लड़ने लगती हैं।
- Platelets – इनका काम खून को जमाना है। चोट लगने पर खून रुकना इन्हीं की वजह से होता है।
👉 अब दिक्कत तब होती है जब इन कोशिकाओं में से कोई एक (ज्यादातर WBCs) कंट्रोल से बाहर बढ़ने लगती है।
ये कोशिकाएँ इतनी तेजी से बनती हैं कि सामान्य कोशिकाओं की जगह ले लेती हैं और खून का संतुलन बिगड़ जाता है।
इसी स्थिति को ब्लड कैंसर कहा जाता है।

⚡ ब्लड कैंसर कई प्रकार है

ब्लड कैंसर सिर्फ एक बीमारी नहीं बल्कि कई अलग-अलग रूपों में आता है। हर प्रकार की बीमारी अलग तरह से शरीर को प्रभावित करती है।
- Leukemia (ल्यूकीमिया)
- इसमें WBCs (white blood cells) असामान्य रूप से बढ़ जाती हैं।
- यह acute (तेज़ी से बढ़ने वाला) और chronic (धीरे-धीरे बढ़ने वाला) दोनों प्रकार का हो सकता है।
- मरीज को बार-बार बुखार आना, infection होना और शरीर में खून की कमी होना इसके मुख्य लक्षण हैं।
- Lymphoma (लिम्फोमा)
- इसमें lymphocytes (एक प्रकार की WBC) बहुत तेजी से बढ़ती हैं और शरीर के lymph nodes (गांठों) में जमा होने लगती हैं।
- अक्सर गले, बगल या कमर में सूजन या गांठ बनना इसका संकेत हो सकता है।
- इसके दो प्रकार होते हैं – Hodgkin Lymphoma और Non-Hodgkin Lymphoma।
- Myeloma (मायलोमा)
- यह बीमारी plasma cells (जो एंटीबॉडी बनाती हैं) को प्रभावित करती है।
- शरीर की infection से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है और मरीज बार-बार बीमार पड़ने लगता है।
🔍 ब्लड कैंसर के लक्षण
ब्लड कैंसर के लक्षण धीरे-धीरे सामने आते हैं और शुरू में साधारण बीमारियों जैसे लगते हैं। यही वजह है कि लोग इन्हें नजरअंदाज कर देते हैं।
- लगातार थकान और कमजोरी – मरीज को थोड़ी-सी मेहनत करने पर भी थकान महसूस होती है।
- बार-बार बुखार और infection – कमजोर immunity की वजह से बार-बार बुखार आता है और छोटे-छोटे infections भी जल्दी पकड़ लेते हैं।
- अचानक वजन घटना – बिना किसी कारण के वजन तेजी से कम होना ब्लड कैंसर का संकेत हो सकता है।
- हड्डियों और जोड़ों में दर्द – बोन मैरो प्रभावित होने से हड्डियों में दर्द होता है।
- लिम्फ नोड्स में सूजन – गले, बगल या कमर में गांठें महसूस होना।
- खून आना या bruises पड़ना – Platelets की कमी से आसानी से खून बहता है और शरीर पर नीले निशान बनने लगते हैं।
👉 अगर ये लक्षण लगातार दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है।
ब्लड कैंसर के कारण
ब्लड कैंसर क्यों होता है, इसका एकदम पक्का कारण तो आज भी पूरी तरह से पता नहीं है।
लेकिन कुछ ऐसे कारण हैं जिनसे इसके बढ़ने का खतरा ज्यादा रहता है:
- Genetic (वंशानुगत कारण) – अगर परिवार में पहले किसी को ब्लड कैंसर हुआ है तो जोखिम ज्यादा बढ़ जाता है।
- Radiation और Chemicals – ज़्यादा radiation exposure या chemicals (जैसे benzene) के संपर्क में आना भी एक बड़ा कारण है।
- Smoking और Alcohol – यह हानिकारक आदतें खून की कोशिकाओं को नुकसान पहुँचाती हैं।
- कमजोर immunity – HIV/AIDS जैसे रोगों वाले लोग ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं।
- Infections – कुछ viral infections भी इसके लिए जिम्मेदार हो सकते हैं।
🩺 ब्लड कैंसर का इलाज
ब्लड कैंसर का इलाज बीमारी के प्रकार और stage पर निर्भर करता है।
- Chemotherapy – इसमें दवाओं के ज़रिए कैंसर कोशिकाओं को खत्म किया जाता है।
- Radiation Therapy – तेज़ किरणों से कैंसर कोशिकाओं को नष्ट किया जाता है।
- Targeted Therapy – इसमें सिर्फ कैंसर वाली कोशिकाओं को ही टारगेट करके नष्ट किया जाता है।
- Bone Marrow Transplant – बीमार bone marrow को हटाकर नई healthy stem cells लगाई जाती हैं।
- Immunotherapy – इसमें शरीर की immunity को इतना मजबूत किया जाता है कि वह खुद कैंसर से लड़ सके।
👉 अगर बीमारी शुरुआती stage पर पकड़ में आ जाए, तो इलाज के सफल होने की संभावना बहुत ज्यादा होती है।
रिपोर्ट और डेटा (Latest Report & Data)
📊 WHO (विश्व स्वास्थ्य संगठन) और ICMR (भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद) की रिपोर्ट के अनुसार:
- हर साल लगभग 12 लाख नए कैंसर के मामले भारत में सामने आते हैं, जिनमें से 7% मामले ब्लड कैंसर के होते हैं।
- भारत में हर साल लगभग 70,000 से ज्यादा लोग ब्लड कैंसर से प्रभावित होते हैं।
- Survival Rate: यदि समय पर इलाज मिल जाए तो 40–60% मरीज लंबी उम्र जी सकते हैं।

बचाव (Prevention Tips)
हालांकि ब्लड कैंसर को पूरी तरह रोका नहीं जा सकता, लेकिन कुछ आदतें अपनाकर जोखिम कम किया जा सकता है:
- धूम्रपान और तंबाकू से दूरी बनाएँ
- संतुलित आहार लें (हरी सब्ज़ियाँ, फल, अनाज)
- नियमित व्यायाम करें
- हानिकारक केमिकल्स से बचें
- सालाना हेल्थ चेकअप कराएँ
ब्लड कैंसर एक गंभीर लेकिन इलाज योग्य बीमारी है। अगर लक्षणों को समय रहते पहचान लिया जाए, तो मरीज का जीवन बचाया जा सकता है। इसलिए ज़रूरी है कि जागरूक रहें, सही समय पर डॉक्टर से मिलें और स्वस्थ जीवनशैली अपनाएँ।
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